यूएनएलएफ के चार संदिग्धों को गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर किया रिहा, सुरक्षा पर सवाल
साग्रस्त मणिपुर से उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के चार संदिग्ध कैडरों को गिरफ्तार किया गया है। चारों को पकड़े जाने के कुछ घंटों बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, उग्रवादियों को मणिपुर घाटी आतंकवाद निरोधक पुलिस (एमवीसीपी) ने 19 जून को पकड़ लिया था। उग्रवादियों के पास से 51 मिमी मोर्टार बरामद हुए। जिससे उनके इरादों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हो गईं। हालांकि, चौंकाने वाली बात यह है कि सभी चारों की गिरफ्तारी के कुछ घंटों के भीतर जमानत पर रिहााई मणिपुर की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।
मणिपुर में स्थिति काफी खराब हो गई है, जिससे हिंसा प्रभावित क्षेत्र में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए असम राइफल्स की 95 से अधिक टुकड़ियों की तैनाती की गई है। राज्य पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और यूएनएलएफ जैसे प्रतिबंधित मैतेई विद्रोही समूह हिंसा भड़काने में सक्रिय रूप से शामिल हैं, बल्कि यह आम लोगों के साथ सहयोग भी कर रहे हैं।
पुलिस के चुराए गए हथियारों की बरामदगी अधूरी
पुलिस शस्त्रागार से चुराए गए हथियारों की बरामदगी अधूरी है, जिससे हिंसाग्रस्त इलाकों में चल रहे संघर्ष की गंभीरता बढ़ गई है क्योंकि इन हथियारों का इस्तेमाल हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में खुलेआम किया जा रहा है। असम राइफल्स के अनुसार, इनकी रिहाई स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा बलों के प्रयासों को कानून का दुरुपयोग है। विशेष रूप से खतरनाक हथियारों के साथ पकड़े जाने के बाद संदिग्ध विद्रोहियों की रिहाई के कारण सुरक्षा को कमजोर किया जा रहा है।
असम राइफल्स के अनुसार, अपराधियों को पकड़ने और रिहा करने हिंसा को बढ़ावा देना है। यह स्थानीय आबादी की सुरक्षा को खतरे में डालता है। उन्होंने कहा, यह जरूरी है कि पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों को चुराए गए हथियारों को बरामद करने, उनके दुरुपयोग को रोकने की कोशिश करने वालों को गिरफ्तार करना जरुरी है।