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इसरो ने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के लिए पहला हॉट टेस्ट बीच में ही रोका, बताई यह वजह

रतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के लिए पहला हॉट टेस्ट बीच में ही रोक दिया। अंतरिक्ष एजेंसी ने 1 जुलाई 2023 को तमिलनाडु के महेंद्रगिरी स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्पलेक्स (आईपीआरसी) में सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के इंटरमीडिएट कॉन्फिग्युरेशन पर यह टेस्ट शुरू किया था।इसके पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (पीएचटीए) के रूप में भी जाना जाता है। 

यह टेस्ट 2000 किलो न्यूटन थ्रस्ट वाले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन विकसित करने के लिए किया जा रहा था, ताकि भविष्य के प्रक्षेपण यानों के बूस्टर चरणों को शक्ति दी जा सके। हालांकि, यह टेस्ट 1.9 सेकंड तक उम्मीद के अनुरूप चला, जिसमें प्रज्वलन और उसके बाद के पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (पीएचटीए) का प्रदर्शन सफल रहा। 

अंतरिक्ष संगठन ने कहा कि 2.0 सेकंड पर टर्बाइन दबाव में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई और फिर टर्बाइन-गति में कमी देखी गई। एहतियाती कदम के तौर पर इस टेस्ट को रोक दिया गया। इसका विश्लेषण आगे के लंबी अवधि के हॉट टेस्ट से पहले और अधिक समझ प्रदान करने में मदद करेगा। इसके मुताबिक, टेस्ट का मकसद 4.5 सेकंड की अल्पावधि के लिए हॉट-फायरिंग करके गैस जनरेटर, टर्बो पंप, प्री-बर्नर जैसी कई महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के एकीकृत प्रदर्शन का आंकलन करना था। 

 

एजेंसी ने बताया कि प्री-बर्नर कक्ष के भीतर गर्म गैस के प्रज्वलन और उत्पादन पर फोकस किया गया था। प्री-बर्नर ईंधन और ऑक्सीडाइपर पंपों के मुख्य टर्बाइन को चलाता है। सेमी-क्रायोजेनिक इंजन, तरल ऑक्सीजन (एलओएक्स) और केरोसीन को मिलाकर बनाए गए प्रेरक का उपयोग करता है। पीएचटीए इंजन, विकास कार्यक्रम का पहला हार्डवेयर टेस्ट होता है। सेमी-क्रायोजेनिक इंजनों के लिए हाल ही में आईपीआरसी में परीक्षण केंद्र स्थापित किया गया था। इसी केंद्र से यह हॉट टेस्ट किया गया था। इसरो ने इस सुविधा (फैसिलिटी) में मई 2023 में पीएचटीए का टेस्ट शुरू किया था।

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