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Farmer Registry: किसानों के लिए खुशखबरी! केंद्र सरकार ने शुरू की ये कमाल की योजना

भारत सरकार ने देश के किसानों के हित में एक और बड़ी पहल की है। केंद्र सरकार ने Farmer Registry (किसान रजिस्ट्री) नाम से एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य देश के हर एक पात्र किसान को सरकारी योजनाओं का सीधा और पारदर्शी लाभ पहुंचाना है। इस रजिस्ट्री के माध्यम से किसानों की पहचान, उनके खेत, फसल, और जरूरतों के अनुसार योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि Farmer Registry क्या है, इसका उद्देश्य क्या है, इसमें रजिस्ट्रेशन कैसे करें, पात्रता क्या है, और इस योजना से किसानों को किस तरह के लाभ मिलने वाले हैं।


Farmer Registry क्या है?

Farmer Registry केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल डाटाबेस प्रणाली है, जिसके तहत सभी किसानों की जानकारी एक जगह पर डिजिटल रूप में इकट्ठा की जा रही है। इसमें किसानों के नाम, जमीन का विवरण, फसल का प्रकार, सिंचाई व्यवस्था, बैंक खाता और आधार की जानकारी शामिल होती है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी किसान को सरकारी योजना का लाभ देने में कोई देरी या धोखाधड़ी ना हो। एक बार जब किसान का नाम इस रजिस्ट्री में शामिल हो जाता है, तो उसे PM Kisan, PMFBY, कृषि सब्सिडी, और अन्य योजनाओं का लाभ तुरंत मिल सकेगा।


Farmer Registry का उद्देश्य

केंद्र सरकार के इस कदम के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:

  • कृषि योजनाओं का लाभ सही किसानों तक पहुँचना।

  • किसानों की पहचान डिजिटल रूप में दर्ज करना।

  • फर्जी लाभार्थियों को योजनाओं से बाहर करना।

  • कृषि से जुड़ी योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

  • राज्यों और केंद्र के बीच डाटा साझा करने की सुविधा।


किसानों के लिए फायदे

Farmer Registry के शुरू होने से किसानों को अनेक लाभ मिलेंगे:

  1. एकीकृत पहचान: अब किसान को अलग-अलग योजना के लिए बार-बार दस्तावेज नहीं देने होंगे। एक बार रजिस्टर होने पर हर योजना के लिए जानकारी उपलब्ध रहेगी।

  2. योजनाओं का सीधा लाभ: किसान का डाटा रजिस्ट्री में होने के कारण योजनाओं के पैसे सीधे उसके खाते में ट्रांसफर होंगे।

  3. फर्जीवाड़े पर रोक: फर्जी किसानों या दलालों द्वारा योजनाओं के गलत लाभ लेने पर रोक लगेगी।

  4. फसल बीमा की सुविधा: किसान की फसल की जानकारी पहले से उपलब्ध होने के कारण फसल बीमा योजना का लाभ सरलता से मिलेगा।

  5. उर्वरक और बीज सब्सिडी: किसान को जरूरत के अनुसार उर्वरक और बीज सब्सिडी मिल सकेगी।


Farmer Registry में कौन-कौन कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन?

केंद्र सरकार के अनुसार निम्नलिखित किसान इस रजिस्ट्री में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं:

  • भारत के सभी छोटे और सीमांत किसान

  • जिनके पास खेती की जमीन है (भले ही वह कम हो)

  • किसान जो कृषि पर निर्भर हैं और कृषि आय ही उनका मुख्य स्रोत है

  • ऐसे किसान जो PM Kisan जैसी योजनाओं के लाभार्थी हैं


Farmer Registry में रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज

Farmer Registry में रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होगी:

  • आधार कार्ड

  • बैंक खाता संख्या (IFSC कोड सहित)

  • खसरा/खतौनी या जमीन से संबंधित दस्तावेज

  • मोबाइल नंबर

  • पासपोर्ट साइज फोटो

  • जाति प्रमाण पत्र (यदि कोई योजना इसके अंतर्गत आती है)


Farmer Registry में ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

Farmer Registry में आवेदन की प्रक्रिया को केंद्र सरकार ने बहुत ही सरल बनाया है। नीचे हम आपको ऑनलाइन आवेदन की स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया बता रहे हैं:

स्टेप 1: ऑफिशियल पोर्टल पर जाएं

  • सबसे पहले किसान को राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा। (जैसे – pmkisan.gov.in या कृषि विभाग की वेबसाइट)

स्टेप 2: New Farmer Registration का विकल्प चुनें

  • वेबसाइट पर जाकर ‘Farmer Registry’ या ‘New Farmer Registration’ विकल्प पर क्लिक करें।

स्टेप 3: आधार से वेरिफिकेशन करें

  • अब आपको अपना आधार नंबर डालना होगा और OTP के माध्यम से वेरिफिकेशन करना होगा।

स्टेप 4: आवेदन फॉर्म भरें

  • वेरिफिकेशन के बाद आवेदन फॉर्म खुलेगा जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, जमीन का विवरण, बैंक अकाउंट आदि भरना होगा।

स्टेप 5: दस्तावेज़ अपलोड करें

  • सभी आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन कर के अपलोड करें।

स्टेप 6: फाइनल सबमिट करें

  • अंत में आवेदन की समीक्षा करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।


Farmer Registry का स्टेटस कैसे चेक करें?

अगर आपने Farmer Registry में आवेदन कर दिया है और जानना चाहते हैं कि आपकी स्थिति क्या है, तो आप इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:

  • आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।

  • Check Application Status‘ या ‘Farmer Registry Status’ विकल्प पर क्लिक करें।

  • आधार नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर डालें।

  • आपके सामने आपकी आवेदन स्थिति आ जाएगी – जैसे कि Pending, Verified, या Approved।


क्या रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है?

जी हां, अगर आप आने वाले समय में किसी भी सरकारी कृषि योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो Farmer Registry में रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। कई राज्य सरकारों ने भी इसको लागू करना शुरू कर दिया है और आगे आने वाले समय में यह पूरे भारत में अनिवार्य कर दिया जाएगा।


राज्य सरकारों की भूमिका

राज्य सरकारों को इस योजना में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। राज्यों को अपने-अपने स्तर पर किसानों का डाटा इकट्ठा करना है, उसका सत्यापन करना है और Farmer Registry में अपलोड करना है। कई राज्यों ने पहले ही पोर्टल लॉन्च कर दिए हैं और ऑनग्राउंड रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।


केंद्र सरकार का क्या कहना है?

केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस योजना को “डिजिटल कृषि क्रांति का बड़ा कदम” बताया है। उन्होंने कहा है कि इससे सरकार और किसान के बीच की दूरी कम होगी और किसान को सही समय पर सही लाभ मिलेगा। साथ ही, इससे कृषि नीति बनाने में सरकार को भी डेटा के आधार पर फैसले लेने में आसानी होगी।


भविष्य में क्या होंगे बदलाव?

  • भविष्य में इस रजिस्ट्री को डिजिटल किसान ID कार्ड से जोड़ा जाएगा।

  • एक ही कार्ड से किसान हर योजना का लाभ उठा सकेगा।

  • सभी योजनाओं को Farmer Registry से लिंक कर दिया जाएगा।

  • फसल सर्वे, मुआवजा वितरण, सब्सिडी ट्रांसफर जैसे सभी काम इसी डाटाबेस से होंगे।


किसानों की प्रतिक्रिया

देशभर के किसानों ने इस पहल का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब के किसानों का कहना है कि इससे उन्हें बार-बार आवेदन नहीं करना पड़ेगा और बिचौलियों से भी छुटकारा मिलेगा।


निष्कर्ष

Farmer Registry योजना वास्तव में एक क्रांतिकारी कदम है जो देश के करोड़ों किसानों की जिंदगी बदल सकती है। यह न केवल योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि किसानों को तकनीकी रूप से भी सक्षम बनाएगा।

अगर आप किसान हैं तो इस रजिस्ट्री में अपना नाम जरूर जुड़वाएं ताकि आप भी देश की किसी भी कृषि योजना का लाभ आसानी से उठा सकें। केंद्र सरकार का यह कदम किसानों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत आधार बनेगा।

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